अनूप पासवान/कोरबा. मौसम में आए बदलाव के साथ ही जहरीले जीव जंतुओं के निकलने का सिलसिला शुरू हो गया है. छत्तीसगढ़ के कोरबा में जहरीली मकड़ी ने बर्तन साफ कर रही महिला के पैर में काट लिया. पहले तो महिला ने सामान्य मकड़ी समझ नजरअंदाज किया, लेकिन थोड़ी देर बाद उसके पैर में तेज दर्ज के साथ जलन होने लगी. इससे वो बेहोश हो गई जिसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
घटना जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर पाली विकासखंड की है. यहां किराये के मकान में विजयकांत यादव का परिवार रहता है. प्रतिदिन की तरह विजयकांत शनिवार की देर शाम काम से लौटे और भोजन के बाद अपने कमरे में आराम कर रहे थे. इस दौरान, उनकी पत्नी हेमा यादव घर के आंगन में बर्तन साफ कर रही थीं. तभी अचानक उनके बाएं पैर में मकड़ी ने काट लिया. महिला के झटका देने पर मकड़ी दीवार के किनारे जाकर चिपक गया.
घटना को सामान्य समझ कर महिला बर्तन की सफाई कर कमरे में चली गई. थोड़ी देर बाद उसके बाएं पैर में असहनीय दर्द होने लगा और खुजली होने लगी. उसने अपने पति को मकड़ी काटे जाने की बात बताई. तब विजयकांत मकान मालिक के साथ उस जगह पर पहुंचा तो वहां दीवार के किनारे चिपकी मकड़ी दिखी. उसका आकार सामान्य मकड़ी से कई गुना बड़ा था. काले-पीले डंडीदार मकड़ी के पैर भी बड़े नजर आ रहे थे. विजयकांत को समझ देर न लगी कि यह कोई सामान्य मकड़ी नहीं है. वो फौरन अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंचा.
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों के लिए यह मकड़ी काटने से मरीज के गंभीर होने का पहला मामला था. उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और महिला को तत्काल वार्ड में दाखिल कर उपचार शुरू किया गया. इससे पूर्व, महिला के कई जांच कराए गए. इसके बावजूद उसकी हालत जस के तस बनी रही. सोमवार को पूरे दिन चले इलाज के बाद महिला की हालत में मामूली सुधार होने की बात कही जा रही है. महिला में मिले लक्षण और तस्वीर के आधार पर मकड़ी की पहचान टारेंटयुला के रूप में की जा रही है
जानकारों की मानें तो टैरेंटयुला मकड़ी की एक प्रजाति है. यह सामान्य मकड़ी से कई गुना बड़ा होता है. इसके पैर लंबे और रेशेदार होते हैं. यह बांस के डंठल के अलावा जमीन और पेड़ों पर रहता है. सामान्यतः यह मकड़ी जंगलों में पाया जाता है, जो छोटे पक्षी व अन्य कीटों का भक्षण करता है. टैरेंटयुला जाल नहीं बनाता, लेकिन अपने बचाव के लिए लार निकालता है. इस मकड़ी में विशेष तरह के ज़हर पाए जाते हैं, जो हाथ-पैर को गलाने की क्षमता रखता है. कई बार इससे हाथ-पैर सुन्न हो जाते हैं. इस लिहाज से देखें तो टैरेंटयुला के काटने का लक्षण होने पर तत्काल उपचार कराना जरूरी है.
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FIRST PUBLISHED : May 02, 2023, 14:34 IST