टीएस सिंहदेव के साथ अंबिकापुर एयरपोर्ट के निरीक्षण के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, अंबिकापुर एयरपोर्ट एयरपोर्ट बड़े विमानों को उतारने के लिए भी तैयार हो गया है। तीन दिन बाद डीजीसीए की टीम निरीक्षण के लिए आ रही है। उसके बाद लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, अंबिकापुर से दिल्ली बनारस और रायपुर की फ्लाइट शुरू करने का सुझाव विमानन मंत्रालय को देंगे। मुख्यमंत्री बघेल शनिवार को विशेष विमान से मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ अंबिकापुर के मां महामाया एयरपोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने रनवे, एटीसी टावर, एंटी हाईजैक रूम, अराइवल और डिपार्चर सेक्शन का निरीक्षण किया।
48 करोड़ की लागत से 1800 मीटर लंबी एयर स्ट्रिप
मुख्यमंत्री ने कम समय में एयरपोर्ट का कार्य पूर्ण कराने के लिए अधिकारियों को बधाई दी। कहा कि वे लगातार स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से इस संबंध में चर्चा कर जानकारी लेते रहे हैं। दिल्ली में विमानन मंत्रालय से भी संपर्क में भी रहे। मुख्यमंत्री ने कहा, 48 करोड़ रुपये की लागत से बनी 1800 मीटर लंबी एयर स्ट्रिप से यह संभव हो गया है। यह पूरा क्षेत्र 364 एकड़ में है। मुख्यमत्री ने भविष्य में अधिक संख्या में बड़े विमानों के उतारने के लिए एयरपोर्ट के अधिक विकास के लिए भी कार्ययोजना बनाने का निर्देश अधिकारियों को दिया।
तीन दिन दिल्ली, तीन दिन बनारस रूट पर फ्लाइट
मुख्यमंत्री ने बताया कि डीजीसीए में लाइसेंस का आवेदन लगाने के बाद सामान्यतः 25 दिनों में जारी हो जाता है। दिल्ली और बनारस को हवाई मार्ग से जोड़ने का सुझाव स्वीकृत हो जाने से इस क्षेत्र में पर्यटन के विकास की बड़ी संभावनाएं बनेंगी। तीन दिन बनारस और तीन दिन दिल्ली की फ्लाइट आरंभ होने से सरगुजा की सुंदरता विमानन रूट के माध्यम से भी उपलब्ध हो पाएगी। सरगुजा की खूबसूरती विलक्षण है और अब विमानन सुविधा उपलब्ध होने से पूरे देश के पर्यटक यहां के जंगल और पहाड़ियों की प्राकृतिक सुंदरता के साथ मैनपाट व रामगढ़ की पहाड़ियां देख सकेंगे।
देश के सबसे पुराने एयरपोर्ट में शामिल है सरगुजा
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि सरगुजा एयरपोर्ट देश के सबसे पुराने एयरपोर्ट में से एक है। आजादी के बाद 1950 में यहां डब्ल्यूबीएम एयरपोर्ट बनाया गया था। 1974 में इंदिरा गांधी यहां आईं थीं। अब जब यह एयरपोर्ट विकसित हो गया है तो निजी विमान भी यहां उतर सकेंगे और बड़े विमानों की लैंडिंग से सरगुजा के पर्यटन का तेजी से विकास होगा। इस अवसर पर संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज, लुंड्रा विधायक डॉ. प्रीतम राम, आईजी रामगोपाल गर्ग, कलेक्टर कुंदन कुमार, एसपी भावना गुप्ता सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारी मौजूद रहे।
एक साथ खड़े हो सकेंगे 72 सीटर तीन विमान
मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट पर उपस्थित सेफ्टी मैनेजर से जानकारी ली। उन्होंने बताया कि यहां तीन एटीआर 72 सीटर जहाज एक साथ खड़े रह सकते हैं। यहां किसी भी आपात स्थिति के लिए आइसोलेशन वे भी बनाया गया है। टावर अत्याधुनिक नए तकनीकों से लैस है, जिसके जरिए एयरक्राफ्ट की लैंडिंग, टेकऑफ और पार्किंग में मदद मिलेगी। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी पायलट तक पहुंचाई जा सकेगी। टावर की ऊंचाई नौ मीटर है, यहां से 360 डिग्री पर निगरानी की जा सकती है। टावर में वीएचएफ सेट, पापी कंट्रोल और अन्य आवश्यक सुविधाएं है।