रायपुर32 मिनट पहले
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मरीजों की संख्या में कमी जरूर देखी जा रही है, लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। (फाइल फोटो)
छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हो गई है। प्रदेश भर में 3465 नमूनों की जांच में 98 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं 187 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दी गई है। इस बीच किसी मरीज की जान नहीं गई। इसके साथ ही एक्टिव मरीजों की संख्या घटकर 790 एक्टिव रह गई है। इधर, पॉजिटिविटी रेट भी घटकर अब 2.83 प्रतिशत रह गई है।
सबसे ज्यादा संक्रमित 19 मरीज दुर्ग जिले से मिले हैं, जबकि कोरिया जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या 13 है। राजधानी रायपुर से 12 कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हुई है, सरगुजा जिले से भी मरीजों की संख्या 12 है।
कांकेर जिले में 9 मरीज मिले हैं, राजनांदगांव में 7, बालोद में 5, धमतरी जिले में 4, जशपुर में 3, बिलासपुर में 2, दंतेवाड़ा में 2, बलौदाबाजार में 1, महासमुंद में 1, सूरजपूर में 1, बलरामपुर में 1, जांजगीर-चांपा में 1, नारायणपुर में 1, बेमेतरा में 1, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 1, बस्तर में 1 और सुकमा में भी एक मरीज में कोरोना की पुष्टि हुई है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलेवार जारी किए आंकड़े।
सतर्क रहने की सलाह
प्रदेश में बीते तीन दिनों में मरीजों की संख्या में कमी जरूर देखी जा रही है, लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। बीते महीने कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा मौतें को-मॉर्बिडिटी यानी कोरोना के अलावा किसी और गंभीर बीमारी की वजह से हुई थी। इसलिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के लिए कहा जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी को-मॉर्बिडिटी की वजह से हो रही मौतों को लेकर चिंता जाहिर की है और स्वास्थ्य विभाग को भी मरीजों की बेहतर देखभाल के निर्देश दिए हैं।
एक दिन पहले एक मरीज की मौत
इसके पहले रविवार को प्रदेश भर में 767 नमूनों की जांच हुई थी। जिसमें 24 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। वहीं 53 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दी गई थी। हांलाकि को-मॉर्बिडिटी बीमारी की वजह से बलौदाबाजार के एक मरीज की मौत हो गई थी।
वहीं अगर बात की जाए शनिवार के आंकड़ों की तो उस दिन 77 मरीज मिले थे। उस दिन 2793 नमूनों की जांच हुई थी। ये मई महीने के 7 दिनों में दिनों में मरीजों की दूसरी सबसे कम संख्या थी। 311 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दी गई है।