इलाज के नाम पर लड़की के पैर में बांधी गई जंजीर।
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छत्तीसगढ़ में अब भी अंधविश्वास की डोर टूटी नहीं है। फिर इसके लिए अमानवीय क्यों न बनना पड़े। कांकेर में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां एक लड़की के पैर में लोहे की चेन बांध दी गई। बताया गया कि लड़की मानसिक रूप से कमजोर है। वह बार-बार भाग जाती है, इसलिए चेन से बांधकर झाड़-फूंक से उपचार किया जा रहा है। फिलहाल कलेक्टर को मामले की जानकारी लगी तो महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने उसकी बेड़ियां हटवाईं और अस्पताल में इलाज कराने के निर्देश दिए।
महिला एवं बाल सरंक्षण अधिकारी रीना लारिया ने बताया कि कांकेर कलेक्टर के निर्देश पर कार्रवाई की गई है। सरोना में मानसिक रूप से कमजोर लड़की के पैर में बेड़िया लगाकर एक बैगा ने उसे रखा था। पूछताछ में बैगा ने बताया कि लड़की भानुप्रतापपुर क्षेत्र की रहने वाली है जो मानसिक रूप से कमजोर है। परिजन उसे इलाज के लिए सौंप गए। लड़की का जड़ी-बूटी और झाड़-फूंक से उपचार किया जा रहा है, लेकिन वह बार-बार भाग जाती है। इसके चलते उसके पैर में बेड़ियां डालनी पड़ी हैं।
अफसर रीना लारिया ने यह भी बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि बैगा करीब 20 साल से मानसिक कमजोर लोगों का इलाज कर रहा था। उन्होंने बताया कि लड़की के परिजनों को बुलाया गया और फिर उनके सामने ही बेड़िया खुलवाई गईं। इसके बाद लड़की को परिजनों को सौंप दिया गया है। साथ ही बैगा को भी समझाया गया है। साथ ही नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा। बताया कि, जिला प्रशासन लगातार अंदरुनी क्षेत्रों में अंधविश्वास के प्रति जनजागरूकता अभियान चला रहा है।