‘रेलवे के इतिहास में विभाग ने अपने अधिकारियों के खिलाफ अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 19 अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया है। ये सभी अधिकारी रेलवे के इतिहास विभाग के थे। मोदी सरकार ने खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
इन सभी को जबरिया रिटायर कर दिया गया है। इस लिस्ट में 10 अधिकारी जॉइंट सेक्रटरी के लेवल के हैं। बता दें कि रेलवे मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद अश्विनी वैष्णव ने साफ कह दिया था कि कर्मचारियों को या तो काम करना होगा या फिर उन्हें घर में बैठा दिया जाएगा।
पिछले 11 महीने में 96 अधिकारियों को वीआरएस दिया जा चुका है। मोदी सरकार ने सरकारी अधिकारियों कि समय समीक्षा के तहत केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन अधिनियम 1972 56 जे आई के नियम 48 के तहत यह कार्रवाई की है।
रेलवे ने साल 2019 में भी 50 साल से ज्यादा की उम्र के 32 अधिकारियों को वीआरएस दिया था। जनवरी में 11 अधिकारियों ने वीआरएस लिया था। रेलवे ने अपने अधिकारियों के लिए मुश्किल टारगेट रखे हैं।
बता दें कि जिन अधिकारियों को नौकरी से सेक्शन 56 जे के तहत निकाला जाता है उन्हें दो से तीन महीने का वेतन दिया जाता है और पेंशन व अन्य लाभ भी मिलते हैं।