शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई भिलाई) के विद्यार्थी अब हाईटेक प्रयोगशाला में प्रैक्टिस कर इंडस्ट्रीज की जरूरत के हिसाब से तराशे जाएंगे अब वे पुराने घिसे पीटे टूल्स और मशीनों के बाजाए नए जमाने के इक्विपमेंट से खुद को डिवेलप करेंगे इसके लिए केंद्र सरकार ने एक करोड़ 60 लाख रुपए की राशि की स्वीकृति दे दी है कायाकल्प योजना के तहत मॉडल आईटीआई पावर हाउस में नई मशीनें और उपकरण खरीदे जाएंगे यह राशि उपयोग हो जाने के बाद केंद्र लगभग इतनी ही राशि और देगी जिससे अन्य ट्रेड का भी कायाकल्प होगा प्रदेश की सबसे पुरानी आईटीआई मैं से एक पावर हाउस आईटीआई में वर्तमान मैं 23 ट्रेड की पढ़ाई कराई जा रही है जिसने इलेक्ट्रीशियन फिटर ड्राफ्टमैन सिविल और वेल्डर जैसे ट्रेड के लिए प्रयोगशाला में नई मशीनें और टूल्स लगाए जाएंगे
30 सालों में कोई नया ट्रेड नहीं
प्रदेश के सबसे पुराने आईटीआई वैसे एक भिलाई आईटीआई में बीते 30 सालों में एक भी नया ट्रेड शामिल नहीं किया गया परंपरागत ट्रेड को अभी भी वैसे ही जारी रखा गया है संस्था का कहना है कि नए ट्रेड में पढ़ाई कराने के बजाय पुराने को ही आधुनिक बनाने की पहल की जा रही है पुराने ट्रैक में ही अभी भी रोजगार की संभावनाएं बनी हुई है औद्योगिक इकाई में भी पुराने ट्रेड के विद्यार्थियों की ही पूछ परख है फिलहाल छत्तीसगढ़ में मान्यता प्राप्त स्कूल 35 ट्रेड है जो पावर हाउस आईटीआई मैं अधिकांश तौर पर संचालित हो रहे हैं।