शहीदों की चिताओ पर लगेंगे हर बरस मेले ।
वतन पे मर मिटने वालो का यही बाकी निशान होगा ।।

देश को आज़ादी मिले आज 74 साल हो गए। और ये आजादी उन सभी वीरो के नाम है। जिन्होंने अपनी जान की कुर्बानी दे दी ताकि आने वाली पीढ़ी आज़ाद वातावरण में सांस ले सके।
किन्तु आज़ादी के बाद भी हमारा भारत पूरी तरह से आज़ाद नही हुआ। भारत आज भी भ्रष्टाचार , रिश्वतखोरी , गरीबी , भुखमरी , बेरोज़गारी जैसे गुलामी के जंजीरो में बंध हुआ है। हम कितने भी आगे बढ़ जाये कितनी भी तरक्की कर ले लेकिन अगर ये चीज़ों से आज़ादी न मिले तो ऐसी तरक्की किस काम की। जहा अमीर और अमीर होता जा रहा और गरीब और गरीब होता जा रहा।
सरकार की तरफ से बहुत सी योजनाए बनती तो है पर क्या वो सही तरीके से उन जरूरत मंद लोगो तक पहुच पाती है। ये सबसे महत्वपूर्ण और सोचने योग्य बात है।
जहा एक तरफ हमारे क्रांतिकारी भाइयो ने आज़ादी के लिए निःस्वार्थ अपनी जान तक न्यौछावर कर दी। वही आज भ्रष्टाचार जैसे विषय जो हमारे सिस्टम को खोखला कर रहे। हम सबको अब इन विषयों पर आज़ादी के लिए एकजुट होकर लड़ाई लड़ना होगा। और फिर से एक बार पूर्णरूप से हर जंजीरो से भारत को आज़ाद करना होगा ।